बुधनी टाईम्स
नई दिल्ली. हिज्बुल मुजाहिदीन के टेररिस्ट बुरहान वानी को कश्मीर की आजादी का हीरो बताए जाने पर भारत ने पाकिस्तान को कड़ा मैसेज दिया। फॉरेन मिनिस्ट्री ने रविवार को ट्वीट किया, "इस्लामाबाद के टेरर सपोर्ट और स्पॉन्सरशिप की सबको निंदा करनी चाहिए।" बता दें कि नवाज शरीफ ने कहा था कि बुरहान की मौत के बाद कश्मीर की आजादी की जंग में नई स्पिरिट (भावना) आई है। बता दें कि हिज्बुल आतंकी को भारतीय सेना ने एक एनकाउंटर में 8 जुलाई 2016 को मार गिराया था। नवाज ने बयान में भारतीय सेना पर भी गंभीर आरोप लगाए थे। बुरहान पर क्या कहा PAK आर्मी चीफ ने...
- फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन गोपाल बागले ने ट्वीट किया, "पहले पाकिस्तान के फॉरेन ऑफिस ने लश्कर-ए-तैयबा की स्क्रिप्ट पढ़ी। अब पाकिस्तान आर्मी चीफ बुरहान वानी की तारीफ कर रहे हैं। पाकिस्तान के टेरर को सपोर्ट करने की सभी को मिलकर निंदा करनी चाहिए।"
- PAK आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने शनिवार को कहा, "वानी और कई पीढ़ियों का बलिदान भारतीय अत्याचार के खिलाफ उनके संघर्ष का सबूत है। कश्मीरियों को अपना फैसला करने का हक है।"
- PAK आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने शनिवार को कहा, "वानी और कई पीढ़ियों का बलिदान भारतीय अत्याचार के खिलाफ उनके संघर्ष का सबूत है। कश्मीरियों को अपना फैसला करने का हक है।"
नवाज शरीफ ने क्या कहा था?
- नवाज ने बुरहान वानी को शहीद बताते हुए उसे श्रद्धांजलि भी दी। इसके बाद एक बयान जारी किया। कहा- वानी की मौत के बाद घाटी में एक नई स्पिरिट देखी गई है।
- शरीफ ने बयान में भारत पर भी आरोप लगाए। कहा- भारत दमन की ताकत पर कश्मीरियों की आवाज को दबा नहीं सकता। वानी की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी और इससे आखिरी फैसला जरूर सामने आएगा।
- नवाज यहीं नहीं रुके। उन्होंने फिर कश्मीरियों को पाकिस्तान के सपोर्ट का भरोसा दिलाया। कहा- पाकिस्तान कश्मीरियों को पॉलिटिकल, डिप्लोमैटिक और मोरल सपोर्ट देता आया है और देता रहेगा। हम उनकी आजादी की मांग का समर्थन करते हैं।
- शरीफ ने कहा- हम मांग करते हैं कि कश्मीर में यूएन रिजोल्यूशंस के हिसाब से काम हो। भारत से कहा जाना चाहिए कि वो कश्मीरियों को अपना हक चुनने की आजादी दे।
- नवाज ने बुरहान वानी को शहीद बताते हुए उसे श्रद्धांजलि भी दी। इसके बाद एक बयान जारी किया। कहा- वानी की मौत के बाद घाटी में एक नई स्पिरिट देखी गई है।
- शरीफ ने बयान में भारत पर भी आरोप लगाए। कहा- भारत दमन की ताकत पर कश्मीरियों की आवाज को दबा नहीं सकता। वानी की कुर्बानी बेकार नहीं जाएगी और इससे आखिरी फैसला जरूर सामने आएगा।
- नवाज यहीं नहीं रुके। उन्होंने फिर कश्मीरियों को पाकिस्तान के सपोर्ट का भरोसा दिलाया। कहा- पाकिस्तान कश्मीरियों को पॉलिटिकल, डिप्लोमैटिक और मोरल सपोर्ट देता आया है और देता रहेगा। हम उनकी आजादी की मांग का समर्थन करते हैं।
- शरीफ ने कहा- हम मांग करते हैं कि कश्मीर में यूएन रिजोल्यूशंस के हिसाब से काम हो। भारत से कहा जाना चाहिए कि वो कश्मीरियों को अपना हक चुनने की आजादी दे।
कश्मीर में इंटरनेट सर्विस शुरू
- बुरहान वानी की बरसी के दौरान कश्मीर में इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा दी गई थी, जो कि दोबारा शुरू कर दी गई है।
- एक ऑफिशियल ने बताया, "कल (8 जुलाई) कुछ पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई थीं। लेकिन, बड़े पैमाने पर देखा जाए तो हालात कंट्रोल में थे और शांति कायम रही। अब आने-जाने या फिर लोगों के जमा होने पर घाटी में किसी तरह का बैन नहीं है।'
- बुरहान की बरसी के मौके पर सरकार ने शोपियां, त्राल और त्रेहगाम में कर्फ्यू लगा दिया था। दूसरे इलाकों में सिक्युरिटी के इंतजाम कड़े कर दिए गए थे और रिस्ट्रिक्शन लागू किए गए थे।
- बुरहान वानी की बरसी के दौरान कश्मीर में इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा दी गई थी, जो कि दोबारा शुरू कर दी गई है।
- एक ऑफिशियल ने बताया, "कल (8 जुलाई) कुछ पत्थरबाजी की घटनाएं सामने आई थीं। लेकिन, बड़े पैमाने पर देखा जाए तो हालात कंट्रोल में थे और शांति कायम रही। अब आने-जाने या फिर लोगों के जमा होने पर घाटी में किसी तरह का बैन नहीं है।'
- बुरहान की बरसी के मौके पर सरकार ने शोपियां, त्राल और त्रेहगाम में कर्फ्यू लगा दिया था। दूसरे इलाकों में सिक्युरिटी के इंतजाम कड़े कर दिए गए थे और रिस्ट्रिक्शन लागू किए गए थे।
कौन था बुरहान ?
- 22 साल का बुरहान वानी 15 साल की उम्र में आतंकी बना था। पिछले कुछ महीनों से बुरहान साउथ कश्मीर में बहुत एक्टिव था। उसने यहां के कई पढ़े-लिखे यूथ्स को बरगला कर आतंकी बनाया था।
- कश्मीरी यूथ को रिक्रूट करने के लिए वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता था। इनमें वो हथियारों के साथ सिक्युरिटी फोर्सेस का मजाक उड़ाते हुए नजर आता था।
- वानी को भड़काऊ स्पीच देने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट माना जाता था। सिक्युरिटी फोर्सेस ने इसे पिछले साल 8 जुलाई को एक एनकाउंटर में मार गिराया था। वानी की मौत के बाद कश्मीर में करीब 90 दिन तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे थे।
- कश्मीरी यूथ को रिक्रूट करने के लिए वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता था। इनमें वो हथियारों के साथ सिक्युरिटी फोर्सेस का मजाक उड़ाते हुए नजर आता था।
- वानी को भड़काऊ स्पीच देने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट माना जाता था। सिक्युरिटी फोर्सेस ने इसे पिछले साल 8 जुलाई को एक एनकाउंटर में मार गिराया था। वानी की मौत के बाद कश्मीर में करीब 90 दिन तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे थे।