किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जेल में बंद किया गया था। उन्हें छुड़वाने व दर्ज केस वापस लेने के लिए अब किसान फिर सड़कों पर उतरने की तैयारी में है। इसके लिए क्षेत्र के किसानों ने हार्दिक पटेल के साथ प्लानिंग भी बना ली है। इसके मुताबिक फिर से क्षेत्र में आंदोलन होने की संभावना है। 1 जून से 10 जून तक चले किसान आंदोलन के दौरान मंदसौर की घटना के बाद प्रदेशभर में हालात बिगड़े। गुस्साए किसानों ने कई वाहनों में आग लगा दी। पथराव सहित आगजनी की घटनाएं भी हुईं। मामले में पुलिस ने प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। कइयों को गिरफ्तार भी किया। हालांकि सरकार ने बाद में आंदोलन के दौरान दर्ज हुए प्रकरण वापस लेने की बात कही, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उस दौरान पकड़ाए गए किसानों को प्रदेश में कई जगह अब तक नहीं छोड़ा गया। वहीं नगर में 8 जून को हुए आंदोलन में 9 को जेल भेजा था और 125 पर केस दर्ज किया था।
पाटीदार समाज के आशीष सरिया ने बताया शाजापुर, उज्जैन, देवास के भी कई किसान अब तक जेल में बंद है। इसे लेकर क्षेत्र के कुछ पाटीदार समाज के युवा गत दिनों अहमदाबाद पहुंचे और हार्दिक पटेल से मुलाकात कर जेल में बंद किसानों को छुड़वाने के लिए रणनीति बनाई। सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन मे ही इसकी पूरी योजना बन जाएगी। इसमें चक्काजाम करने से लेकर अन्य आंदोलन होने पर चर्चा होगी। ज्ञात हो आंदोलन के बाद से ही सरकार ने समर्थन मूल्य पर प्याज की खरीदी शुरू की थी।
नीलामी के बाद अब खाली हुआ मंडी शेड व परिसर
वेयर हाउस में रखे प्याज के अच्छे दाम मिले
शाजापुर मंडी में रखे जिन प्याज को सांपखेड़ा के वेयर हाउस में रखा था। उनके दाम व्यापारियों ने 326 रुपए लगाए, जो संभवत: संभाग का सबसे ज्यादा दाम है। मो. बड़ोदिया में भी 203 रुपए भाव पर प्याज बेचा। दोनों स्थानों से 9-9 हजार क्विंटल प्याज बेचे गए हैं।
सतना व दतिया रवाना
समर्थन मूल्य पर खरीदा प्याज बुधवार को दो रैक से भी रवाना किया गया। एक रैक सतना और दूसरी दतिया के लिए भेज दी गई, यानी मक्सी, शाजापुर, मो. बड़ोदिया सहित सारी मंडियां खाली हो चुकी है।
राजस्व टीम को साथ भेजा, संभाग में सबसे ज्यादा भाव मिल
पाटीदार समाज के आशीष सरिया ने बताया शाजापुर, उज्जैन, देवास के भी कई किसान अब तक जेल में बंद है। इसे लेकर क्षेत्र के कुछ पाटीदार समाज के युवा गत दिनों अहमदाबाद पहुंचे और हार्दिक पटेल से मुलाकात कर जेल में बंद किसानों को छुड़वाने के लिए रणनीति बनाई। सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन मे ही इसकी पूरी योजना बन जाएगी। इसमें चक्काजाम करने से लेकर अन्य आंदोलन होने पर चर्चा होगी। ज्ञात हो आंदोलन के बाद से ही सरकार ने समर्थन मूल्य पर प्याज की खरीदी शुरू की थी।
नीलामी के बाद अब खाली हुआ मंडी शेड व परिसर
वेयर हाउस में रखे प्याज के अच्छे दाम मिले
शाजापुर मंडी में रखे जिन प्याज को सांपखेड़ा के वेयर हाउस में रखा था। उनके दाम व्यापारियों ने 326 रुपए लगाए, जो संभवत: संभाग का सबसे ज्यादा दाम है। मो. बड़ोदिया में भी 203 रुपए भाव पर प्याज बेचा। दोनों स्थानों से 9-9 हजार क्विंटल प्याज बेचे गए हैं।
सतना व दतिया रवाना
समर्थन मूल्य पर खरीदा प्याज बुधवार को दो रैक से भी रवाना किया गया। एक रैक सतना और दूसरी दतिया के लिए भेज दी गई, यानी मक्सी, शाजापुर, मो. बड़ोदिया सहित सारी मंडियां खाली हो चुकी है।
राजस्व टीम को साथ भेजा, संभाग में सबसे ज्यादा भाव मिल

