भोजराज पंवार शुजालपुर
पुलिस चौकी के पास बनी नगरवासियों को पानी सप्लाई करने वाली सबसे पुरानी टंकी क्षतिग्रस्त होने से जल्द ही इसे ध्वस्त कर नई टंकी का निर्माण कांजी हाउस परिसर में किया जाएगा। डीपीआर बनने के बाद तकनीकी स्वीकृति मिलते ही काम शुरू होगा। हालांकि इस जर्जर टंकी के नीचे हादसे से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है।
खास बात यह है कि टंकी की न तो छत है और न उसकी देखरेख के लिए सीढ़ियां बची। हालांकि 12 साल पहले नगर पालिका परिषद ने निरीक्षण के बाद इसको ध्वस्त कर नई टंकी बनाने का भी प्रस्ताव परिषद की बैठक में रखा था। बैठक होने के बाद भी इस पर कार्रवाई नहीं हुई। चार नई टंकियां बनने के बावजूद 40 साल पुरानी क्षतिग्रस्त इस टंकी से ही प्रतिदिन मंडी इलाके में सप्लाई हो रही है। अनहोनी की आशंका देखते हुए अब नगर पालिका ने टंकी को ध्वस्त कर नई टंकी कांजी हाउस परिसर में बनवाने के निर्देश जारी किए हैं। डीपीआर बनने के बाद तकनीकी स्वीकृति उपरांत इसको मूर्तरूप दिया जाएगा।
इस टंकी से मंडी क्षेत्र के पंजाबी मोहल्ला, आजाद नगर, महात्मा गांधी मार्ग क्षेत्र, बस स्टैंड क्षेत्र सहित अंबिका और श्रीनगर आदि इलाकों में इसी टंकी से सप्लाई की जाती है। टंकी की क्षमता 1 लाख 36 हजार 500 लीटर होने के बाद भी इसको ढंकने वाली छत को टूटे हुए दस साल से ज्यादा हो गए। अब इसे समय-समय पर बरसाती पन्नी से ढंक कर काम चलाया जा रहा है। मगर यह प्रबंध कारगर नहीं है क्योंकि इसमें पक्षियों के साथ ही जानवरों के गिरने का खतरा बना रहता है। बंदरों की टोली तो यहां पर स्थाई रूप बैठी रहती है। टंकी के नीचे ही नगर पालिका का व्यावसायिक कॉॅम्प्लेक्स भी है। यहां व्यापारियों की दुकान पर प्रतिदिन सैकड़ों लोगों का आना-जाना होता है। किसी दिन अनहोनी हुई तो बड़ी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता।
पानी की वह टंकी जिसमें न तो सीढ़ी है और न संग्रहित पानी को ढंकने के लिए छत।
प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है
नई टंकी बनाने के लिए तकनीकी प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इस टंकी का पुनर्परीक्षण कराकर आवश्यक सुधार कार्य करवाया जाएगा। नई टंकी बनने के बाद ही इसे तोड़ा जाएगा। संदीप सणस, नगर पालिका अध्यक्ष



