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Thursday, 8 June 2017

कभी 10 पैसे में पानी की बोतल बेचता था ये खिलाड़ी, आज है इंटरनेशनल प्लेयर

बुधनी टाईम्स

चंडीगढ़.कभी केरल के थिस्सुर एमपी स्टेडियम में 10-10 पैसे में पानी का बोतलें बेचने वाले विजयन आज देश के फुटबॉल रोल मॉडल हैं। केरल पुलिस में पोस्टेड विजयन लंबे समय के बाद चंडीगढ़ आए थे और यहां उन्होंने स्टेडियम में ऊर्जा CAPF फुटबॉल टूर्नामेंट की ओपनिंग में हिस्सा लिया। वे टूर्नामेंट के ब्रांड एंबेसडर और युवाओं के एक बड़े मोटीवेटर भी हैं। तीसरा सबसे फास्ट गोल किया था विजयन ने...
- विजयन ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 1992 में किया था और 2003 एफ्रो-एशियन के बाद उन्होंने फुटबॉल को अलविदा कह दिया तब तक वो भारतीय टीम का हिस्सा बने रहे।
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उनके करियर का सबसे शानदार समय 1999 में आया जब उन्होंने SAF खेलों में भूटान के खिलाफ मैच में सिर्फ 12 वें सेकंड में ही गोल दाग दिया, यह इंटरनेशनल फुटबॉल इतिहास का अब तक का तीसरा सबसे फास्ट गोल था।
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विजयन के खेल को थाई और मलेशियन क्लबों में काफी ज्यादा तारीफ मिली।
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विजयन इकलौते एसे खिलाड़ी रहे जिन्हें एक से अधिक बार AIFF प्लेयर ऑफ इयर का अवॉर्ड मिला वो 1993, 1997 और 1999 में इसे जीते।
वे गांव के रहने वाले हैं
- विजयन मानते हैं कि बड़े शहरों में अच्छी सुविधाएं होने के बाद भी बेस्ट प्लेयर्स गांव से ही निकलते हैं। 
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आगे बताया कि उन्होंने कहा कि वे खुद एक गांव के रहने वाले हैं वहीं देश के कप्तान रहे बाइचुंग भूटिया भी एक ग्रामीण इलाके के ही खिलाड़ी थे।
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देश के लिए 79 मुकाबलों में 40 इंटरनेशनल गोल करने वाले विजयन ने कहा कि हमें अगर देश में फुटबॉल कल्चर डेवलप करना है तो काफी काम करना होगा।
- हम देश में होने वाले सबसे बड़े आयोजन के लिए तैयार हैं और इससे बेहतर मेजबानी और कोई नहीं हो सकती।
चंडीगढ़ से निकल रहे खिलाड़ी
- अर्जुन पुरस्कार विजेता विजयन की राय में अब संदेश झिंगन और गुरप्रीत सिंह संधू जैसे खिलाड़ी चंडीगढ़ से निकल रहे हैं।
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उनका कहना था कि पंजाब से कई खिलाड़ी देश के लिए खेल रहे चुके हैं जबकि हाल की वर्षों में चंडीगढ़ से भी खिलाड़ी आगे रहे हैं। 
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उनके मुताबिक वह अतीत में जेसीटी की ओर से खेल चुके हैं, इसलिए उनके लिए यह शहर नया नहीं है।
पैसा मिलेगा तभी फुटबॉलर्स बनेंगे
- विजयन मानते कहते हैं कि आज फुटबॉलर इंडियन सुपर लीग में खेलना चाहते हैं। इसका कारण ये है कि वहां पर पैसा है और इससे ज्यादा पैसा किसी भी टूर्नामेंट में नहीं मिलता इसलिए खिलाड़ी आईलीग से ज्यादा ISL को तवज्जो देते हैं।
- हमें अगर अच्छे फुटबॉलर्स बनाने हैं या उन्हें इंटरनेशनल लेवल पर खेलने के लिए तैयार करना है तो कॉर्पोरेट्स को आगे लाना होगा।
- विजयन मानते हैं कि भारतीय अंडर-17 टीम वर्ल्ड कप जीतने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि टीम के साथ अच्छे कोच हैं जिन्होंने कई देशों में कोचिंग दी है।
- वे बच्चों के साथ काफी मेहनत कर रहे हैं और हमने हालही में इटली जैसी मजबूत टीम को भी हराया है। 
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ये सभी बातें साफ करती हैं कि हमारी टीम कमजोर नहीं है।